आज के डिजिटल युग में, जहाँ हर जानकारी Online उपलब्ध है, वहीं भारत की सदियों पुरानी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियाँ उचित संरक्षण और वैज्ञानिक मंच के अभाव का सामना कर रही थीं। इस अमूल्य ज्ञान के गलत इस्तेमाल और पेटेंट के दुरुपयोग का खतरा भी लगातार बना हुआ था। इसी समस्या के समाधान के लिए, हम आपको सूचित करते हैं कि भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए दुनिया की पहली पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (Traditional Knowledge Digital Library – TKDL) लॉन्च कर दी है।
पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (TKDL) क्या है?
हम आपको बता दें कि TKDL एक अद्वितीय Online Portal है, जिसे भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों, जैसे आयुर्वेद, योग, और सिद्ध, के ज्ञान को संरक्षित करने के लिए बनाया गया है। यह प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence – AI) जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके प्राचीन ग्रंथों में मौजूद जानकारी को व्यवस्थित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य इस ज्ञान को आधुनिक चिकित्सा अनुसंधान के लिए सुलभ बनाना और इसके दुरुपयोग को रोकना है।
इस लाइब्रेरी के प्रमुख लक्ष्य इस प्रकार हैं:
- पारंपरिक ज्ञान के गलत पेटेंट को रोकना।
- वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना।
- नई और प्रभावी दवाओं के निर्माण में सहायता करना।
- भारत की सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विरासत को वैश्विक मंच पर स्थापित करना।
AI और पारंपरिक चिकित्सा में भारत की अग्रणी भूमिका
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट, “Mapping the Application of Artificial Intelligence in Traditional Medicine”, में भारत के इस कदम की विशेष रूप से सराहना की है। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि भारत अब AI का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा को और अधिक वैज्ञानिक बनाने के लिए कर रहा है।
रिपोर्ट में भारत के AI-आधारित अनुप्रयोगों का विशेष उल्लेख किया गया है, जैसे – नाड़ी परीक्षण, जिह्वा विश्लेषण और प्रकृति मूल्यांकन। इसके अलावा, ‘आयुर्जीनोमिक्स’ (Ayurgenomics) एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जो आयुर्वेद के सिद्धांतों को जीनोमिक्स के साथ जोड़कर व्यक्तिगत स्वास्थ्य समाधान प्रदान करता है।
सरकारी नेतृत्व और वैश्विक दृष्टिकोण
भारत के प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी, ने “AI for All” के दृष्टिकोण के तहत स्वास्थ्य सेवा में AI के उपयोग पर जोर दिया है। 2023 में आयोजित GPAI शिखर सम्मेलन में भी उन्होंने इस विजन को दुनिया के सामने रखा था। केंद्रीय आयुष मंत्री, श्री प्रतापराव जाधव, के अनुसार, TKDL भारत की नवाचार और वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हमारा देश यह साबित कर रहा है कि कैसे पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ा जा सकता है।
दुनिया के लिए इसका क्या महत्व है?
TKDL की शुरुआत केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मील का पत्थर है। यह प्राचीन ज्ञान को संरक्षित करने और उसे आधुनिक विज्ञान के साथ एकीकृत करने का एक सफल मॉडल प्रस्तुत करता है। हम अब अपनी पारंपरिक चिकित्सा की तुलना चीनी पारंपरिक चिकित्सा (TCM) जैसी अन्य प्रणालियों से कर सकते हैं और उसे बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं।
वैज्ञानिक अब ऐसे कृत्रिम सेंसर विकसित कर रहे हैं जो रस, गुण, और वीर्य जैसी पारंपरिक आयुर्वेदिक अवधारणाओं को माप सकते हैं, जिससे उनकी वैज्ञानिक मान्यता बढ़ेगी। WHO ने भारत द्वारा प्रदान किए जा रहे Online परामर्श और आयुष चिकित्सकों के लिए डिजिटल सहायता उपकरणों की भी प्रशंसा की है। TKDL भारत की उस सोच को दर्शाता है जहाँ परंपरा और विज्ञान मिलकर एक स्वस्थ भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।